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आज छोटी दिवाली है. इसे नर्क चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. नरक चतुर्दशी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है. इस दिन को बड़ी दिवाली के मुकाबले छोटे स्तर पर मनाया जाता है और कुछ दिए और पटाखे जलाए जाते हैं.  

 
छोटी दिवाली की सुबह यानि आज लोग अपने घर की साफ़ सफाई करते हैं और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं. रंगोली बनाने के लिए चावल के आटे के पेस्ट और लाल रंग के सिन्दूर के साथ पूरे घर में छोटे छोटे पैर बनाये जाते हैं. मान्यता है कि ये मां लक्ष्मी के पैर हैं और इसके द्वारा उन्हें घर में आने का रास्ता दिखाया जाता है.
 
 
सजाएं पूरा घर

धनतेरस के बाद और बड़ी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दिवाली के दिन लोग सुबह उठकर पूरे घर की साफ़ सफाई करते हैं. उसके बाद पूरे घर को फूलों से सजाकर, घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है. शाम के समय भगवान् राम एवं लक्ष्मी जी की पूजा करने के साथ ही साथ भजन भी गाये जाते हैं. 
 
 
देवी लक्ष्मी के पूजन के बाद घर के सभी दिशाओं में दिए जलाये जाते हैं. इसमें से एक दिया तुलसी के पौधे के पास रखा जाता है, दूसरा मुख्य द्वार के पास, एक पानी के स्रोत के पास जो कि घर में पानी की टंकी हो सकती है और एक मवेशियों के कमरे में रखा जाता है. इसके बाद घर के सभी छोटे बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं. 






सोर्स:इन ख़बर 

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