12 जुलाई को मंगल तुला राशि से निकलकर वापस वृश्चिक राशि में आएंगे। इससे पहले इस वर्ष 20 फरवरी को मंगल ने वृश्चिक राशि में प्रवेश किया था। बाद में मंगल 17 अप्रैल को वक्री हुए थे और उलटी गति से चलते हुए 18 जून को तुला राशि में चले गए थे। अब एक बार फिर से मंगल मार्गी यानि सीधी चाल पकड़ कर वृश्चिक राशि में लौट रहे हैं। वृश्चिक में मंगल 18 सितंबर तक रहेंगे। भूमि पुत्र मंगल वैसे तो एक राशि में केवल 45 दिनों तक गोचर करते हैं, किन्तु हर ढाई वर्षों के बाद ऐसा संजोग बनता है जब मंगल एक राशि में 6 से 7 महीनों तक रहते हैं। ऐसा वर्ष जब मंगल एक राशि में वक्री होकर 6 से 7 माह तक ठहरे हिंसक घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध के लिए जाना जाता हैं।

20 फरवरी को मंगल के वृश्चिक राशि में आने के साथ हरियाणा में जाट आंदोलन की हिंसा और कश्मीर में आतंकी घटनाओ में वृद्धि देख चुके हैं। प्राकृतिक आपदाओं में अप्रैल माह में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के भूकंपों ने उत्तर भारत को भी कुछ हद तक प्रभावित किया। अंतर्राष्ट्रीय जगत में यूरोप, अमेरिका और बंगलादेश में हुए आतंकी हमले मंगल के वृश्चिक राशि में गोचर करने के दोरान हुए।

अब एक बार फिर मंगल वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे और उनकी युति यहाँ पहले से डेरा जमा कर बैठे शनि महाराज से होगी। मंगल और शनि से केंद्र में गुरु, राहु और केतु रहेंगे। यह अशुभ योग 18 सितंबर तक भारत और विश्व के लिए बेहद संवेदनशील होगा। भारत में 13 से 26 जुलाई के बीच मंगल के विशाखा नक्षत्र में गोचर के समय बादल फटने , बाढ़ और भूस्खलन से उत्तर भारत के हिमालय क्षेत्र में जन-धन की हानि का योग बन रहा है।

अगस्त के महीने और सितंबर के पहले पखवाड़े की बीच भारत और पाकिस्तान के मध्य कश्मीर समस्या को लेकर युद्ध जैसे हालत बनने लगेंगे। विश्व के अन्य देशों में देखें तो मेष लग्न से प्रभावित पाकिस्तान की कुंडली में शनि-मंगल अष्टम भाव को पीड़ित कर युद्ध और भूकंप से जन-धन की हानि के योग बन रहे हैं। पाकिस्तान में इस वर्ष के अंत तक नवाज शरीफ की सत्ता का सेना के हाथ में चले जाने का योग भी बन रहा है।

सिंह लग्न से प्रभावित अमेरिका में आतंकी घटनाओं और नस्ली हिंसा से आर्थिक-राजनीतिक हालात बिगड़ने का योग है। कन्या लग्न के इजराइल का अपने पड़ोसी देशों से सैन्य संघर्ष हो सकता है। मकर लग्न की कुंडली वाले चीन का दक्षिण-पूर्व एशिया में अपने पड़ोसी देशों जापान और वियतनाम से विवाद बढ़ेगा। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में भी अगस्त और सितंबर के मध्य सैन्य संघर्ष होने का योग बन रहा है।

23 अगस्त को मंगल और
शनि के करीबी अंशों में आने पर तथा बाद में 1 सितंबर को सूर्य ग्रहण पड़ने
के आसपास बड़े भूकम्पों के योग बन रहे हैं। यह बड़े भूकम्प कूर्म-चक्र पद्धति
के अनुसार हिमालय क्षेत्र तथा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों जैसे जापान,
इंडोनेशिया तथा फिलीपीन्स में आ सकते हैं।
सचिन मल्होत्रा, ज्योतिषशास्त्री
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सोर्स:अमरउजाला
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