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शक्तिमान देखते थे? मुकेश खन्ना फिर से शक्तिमान टीवी पर लौटा लाने की बात कर रहे हैं. पर शक्तिमान पर एक कलंक भी लगा है. आपको याद है एक टाइम ऐसी खबरें आती थीं कि शक्तिमान के स्टंट देख बच्चे छत से कूद गए. किसी ने खुद को आग लगा ली ये सोचकर कि शक्तिमान बचाने आएगा.


अखबारों में ऐसी खबरें आईं. उस टाइम बड़ी सनसनी फैल गई. ये वो टाइम था जब लोकल चैनल्स उतने नहीं थे और टीवी वायलेंस देखने बैठे यूनेस्को वाले बताया करते थे कि आज शक्तिमान में 17 बार हिंसा हुई. 25 मिनट में इत्ते घूंसे मारे, उठाकर पटका. धकेला, इत्तों को आग लगाई, इत्तों को चमाट मारी, इत्ती गोली चली. सच मानिए ऐसा होता था. और डीडी का आपको पता ही है, कितना संस्कारी चैनल हुआ करता है. नतीजा ये भी हुआ कि बाकायदा एक एपिसोड हुआ जिसमें शक्तिमान की मेकिंग दिखाई गई और बच्चों को समझाया गया कि शक्तिमान के पास सच में कोई पॉवर्स नहीं हैं.


सनसनी फ़ैली. मंडी हाउस में हड़कंप मचा. सीरियल के स्टंट्स को खतरनाक माना गया. तय हुआ कि सीरियल के रन को शॉर्ट किया जाएगा. माने सीरियल को जितना चलना था नहीं चलेगा. सीरियल बंद करने की बातें भी होने लगीं. बात चली कि दूरदर्शन चार हफ्ते के नोटिस पीरियड के बाद शो बंद करने वाला है. मार्च 1999 तक ये हाल हो गया कि मुकेश खन्ना प्रसार भारती के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर ली. वो मीडिया पर भी बमके थे. उस न्यूज एजेंसी के खिलाफ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत भी की थी जिसने ये खबरें ब्रेक की थीं.

क्या खबरें थीं?

वर्षा और अस्मा दोनों दस साल की थीं. कर्नाटक के हुबली के सत्तूर में रहतीं थीं. 17 दिसंबर 1998 को उन्होंने खुद को आग लगा ली. वजह ये बताई गई कि उन्हें लगता था ऐसे में शक्तिमान उन्हें बचाने आएगा.

बेगूसराय बिहार में 27 दिसंबर 1998 को शुभम और राकेश नाम के दो लड़कों ने खुद को आग लगा ली. वजह बताई गई कि ऐसा शक्तिमान देखकर किया.

14 फरवरी 1999 को नासिक के पाटने जिले के दिनेश प्रभाकर ने खुद को आग लगा ली. दिनेश नौ साल का था. उसकी मौत की वजह भी वही बताई गई. उसे लगता था शक्तिमान उसे बचाने आएगा.

लेकिन तथ्य कुछ और कहते हैं

वर्षा कुलकर्णी और अस्मा लत्तिअपानवार ने एक दूसरे को गुस्से में आग लगा दी थी. वर्षा उस आग के चलते मारी गई. उन दोनों के पास टीवी का एक्सेस नहीं था. उनने शक्तिमान देखकर ऐसा नहीं किया था.

बिहार के मामले में इंडिया टुडे मैगजीन ने तफ्तीश की. पता चला कि ऐसी कोई बात नहीं थी. पुलिस ने खुद कहा कि रिपोर्ट गलत थी.

तीसरे मामले में पुलिस ने कहा कि शक्तिमान का कोई जिक्र नहीं है दिनेश ने चाय बनाते हुए खुद को जला लिया था. जलने के बाद न दिनेश ने न ही उसके मां-बाप ने कहीं शक्तिमान का कोई नाम लिया था.
जब ऐसी तमाम बातें आईं थीं तो मुकेश खन्ना ने अपने सीरियल के बचाव में ये कहा कि जैसे एक्सीडेंट्स का जिक्र है. वो कहीं से भी सीरियल के स्टंट्स से मैच नहीं करतीं.

वजह क्या थी?

मुकेश खन्ना और उनसे जुड़े लोग जो वजह बताते हैं उनके मुताबिक़ मुकेश खन्ना बीजेपी के सपोर्टर थे, कई लोगों को ये बात पसंद नहीं थी.

गुटखा और सुपारी बेचने वालों को शक्तिमान की सीख के कारण बिजनेस में नुकसान हो रहा था

शक्तिमान दूरदर्शन पर लोकप्रियता के पैमाने में चौदहवें नंबर पर जा पहुंचा था, उसकी टीआरपी भी उस वक़्त 24.8 तक जा पहुंची थी. कुछ लोगों का जलना तो बनता था.

शुरू से जुड़े होने के कारण मुकेश खन्ना पारले-जी के अलावा और किसी कंपनी को स्पॉन्सर नहीं बना रहे थे.








सोर्स:लल्लनटॉप 




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