
“ॐ मंगलम भगवान विष्णु मंगलम गरुणध्वजः मंगलम पुण्डरीकाक्षौ मंगलायतनो हरिः !!” अब वर वधू को आशीर्वाद दीजिए …अरे लेकिन यहां स्यापा हो गया। यहां वर तो है ही नहीं, मामला थोड़ा उल्टा है …हम बात कर रहें हैं तंजानिया के एक गांव की। यहां रहने वाली सभी महिलाएं ही हैं जो एक खास प्रजाति से ताल्लुक रखती हैं और ये महिलाएं आपस में ही शादी कर लेती हैं। हालांकि ये महिलाएं लेस्बियन भी नहीं होतीं। असल में इसके पीछे कुछ दूसरी वजहें हैं …आइए बताते हैं क्या।

कई लोगों के मन में यह विचार उठ सकता है कि शायद ये महिलाएं होमोसेक्शुएलिटी की वजह से ऐसा करती होंगी और ये विचार आना लाज़मी भी , लेकिन हम यहां आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है असल में ये महिलाएं ऐसा इसलिए करती हैं ताकि इनका अपने घरों पर अधिकार बना रहे।

दरअसल ये महिलाएं नहीं चाहती हैं कि कोई अन्य पुरुष बाहर से आकर इनके घर अथवा समाज पर किसी प्रकार का अधिकार जमाये। ये अपने घरों पर अपना हक रखना चाहती हैं ताकि कोई और पुरुष वहां न आ जाए। ऐसा कह सकते हैं कि पुरुषवादी समाज के विरोध में ये महिलाएं ऐसा करती हैं…

ये महिला (पति) बकायदा काम पर जाती हैं और दूसरी महिला(पत्नी) पीछे से घर को संभालती है और बाकी जिम्मेदारियां भी निभाती है।

वहां की महिलाओं का कहना है कि “हमें कोई नहीं सकता। अगर कोई मर्द हमारी प्रॉपर्टी को छीनने या हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो उसे सज़ा दी जाएगी। यहां सारा पॉवर हमारे पास ही है”। दरअसल यहां की महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाने और संपत्ति का पूरा हक अपने पास रखने के लिए एक-दूसरे से विवाह कर लेती हैं।
पहले ये मात्र एक कार्य हुआ करता था लेकिन वर्तमान में इस कार्य ने परंपरा का रूप ले लिया है। यहां कोई भी मर्द नहीं है सभी महिलाएं एक-दूसरे से ही विवाह कर लेती हैं।
सोर्स: फिरकी_डॉट_इन
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