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पहली बार मां के नाम की जर्सी पहन कर उतरी टीम इंडिया के लिए विशाखापट्टनम में कुछ भी बुरा नहीं गुज़रा. धीमी विकेट को सूंघकर धोनी ने तीन स्पिनर खिलाने का फैसला किया और स्पिनरों ने न्यूज़ीलैंड टीम को आधे ओवर भी नहीं खेलने दिए, उससे पहले ही बंडल बांध दिया. न्यूज़ीलैंड की टीम 23.1 ओवर में सिर्फ 79 रन पर ऑल आउट हो गई और 190 रन से हार गई. इस जीत के पटकथा लेखक रहे लेग स्पिनरों की विलुप्त-प्रजाति के भारतीय ध्वजवाहक अमित मिश्रा. मिश्रा के आंकड़े रहे 6-2-18-5.


रोहित शर्मा और विराट कोहली के अर्धशतकों के दम पर भारत ने 270 रन का लक्ष्य दिया था. इन दोनों और फिर धोनी के आउट होने के बाद भारत की पारी में बाउंड्रिज का सूखा पड़ गया लेकिन आखिरी ओवरों में केदार जाधव (39*) और अक्षर पटेल (24) सूखी-टूटी पिच पर जीत के काबिल स्कोर तक खींच ले गए और भारत ने 269-6 पर अपनी पारी खत्म की. जवाब में न्यूज़ीलैंड की बोहनी ही खराब हुई. उमेश यादव वो मिसाइल हैं जो दाएं-बाएं गिरती है लेकिन निशाने पर गिरे तो बैटिंग तबाह.  गुप्टिल को उमेश यादव ने सिर्फ 4 गेंदे खेलने दीं और बोल्ड कर दिया. इसके बाद इस सीरीज में ज़ोरदार फॉर्म में चल रहे लाथम भी 19 के स्कोर पर बुमराह के शिकार बने और फिर मोर्चा संभाला स्पिनर्स ने.

मिस्सी भाई…आखिरकार
तीनों स्पिनरों मिश्रा, अक्षर पटेल और जयंत यादव के संयुक्त आंकड़े रहे 14.1-2-35-8. न्यूज़ीलैंड का स्कोर एक समय 63-2 था लेकिन अमित मिश्रा ने साथियों के साथ मिलकर आखिरी 8 विकेटों का बंडल सिर्फ 16 रन में बांध दिया. मिश्रा ने सीरीज़ के निर्णायक मैच में आज अपनी सारी काबिलियत झोंक दी और सिर्फ 19 गेंदों के भीतर 5 विकेट ले लिए. टेलर धोनी के हाथों कैच, वाटलिंग बोल्ड, नीशम बोल्ड, साउदी स्टम्प और ईश सोढी रहाणे के हाथों कैच. क्लासिक स्पिनर की तरह पांचों विकेट.


 न्यूज़ीलैंड के उल्टे उसी वक्त लगने शुरू हो गए जब स्पिनर एंटन डेविच की जगह पेसर-ऑलराउंडर कोरी एंडरसन को खिलाने का फैसला किया गया.  हालांकि भारत की पारी के दौरान ऐसा नहीं लग रहा था कि भारत पूरी तरह मैच के नियंत्रण में है. रोहित-कोहली ने 79 रन की साझेदारी की फिर कोहली-धोनी ने 71 रन जोड़े. रन आ रहे थे लेकिन मुश्किल थे और कोई भी पार्टनरशिप लंबी नहीं खींच रही थी. धोनी के आउट होते ही मनीष पांडे एक खराब शॉट लगाकर आउट हो गए और फिर कोहली भी इनसाइड-आउट पर छक्का ट्राई करते वक्त कैच दे बैठे. भारत की पारी मंझधार में थी. आखिरी ओवरों में 49वें ओवर में जाकर अक्षर-जाधव बाउंड्री लगा पाए. दोनों ने ऐन वक्त पर 46 रन जोड़े.


न्यूज़ीलैंड की ओर से सिर्फ 3 टॉप ऑर्डर के खिलाड़ी ही 10 का आंकड़ा छू पाए. अक्षर पटेल ने 2 और जयंत यादव ने भी 1 विकेट लिया. आज पहली बार भारत की टीम अपने मां के नाम की जर्सी पहन कर आई थी. वैसे ही दिवाली के आसपास होने वाले मैचों में भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है और आज तो सीरीज़ डिसाइडर में ये भावनात्मक कोण भी लगा हुआ था.


मैन ऑफ द मैच और सीरीज़ मिला लेग-स्पिनरों की विलुप्त प्रजाति के विशेष बॉलर मिस्सी भाई यानी अमित मिश्रा को. सुखद आश्चर्य भी हुआ कि मैन ऑफ द सीरीज़ भी एक गेंदबाज़ को दी गई है. अगर किसी सबसे अच्छे गेंदबाज़ ने सबसे कम मैच खेले हैं तो वो अमित मिश्रा हैं. पिछले 13 सालों से टीम में हैं लेकिन उतने मौके न मिले. बैटिंग भी कर लेते हैं बस फिल्डिंग और रनिंग में थोड़ा लोच है. लेग-स्पिन की विलुप्त प्रजाति के विशेष बॉलर को अब वो मान्यता मिले जिसके वो हकदार हैं. कीवीज़ का भारत की सरज़मीं पर सीरीज़ जीतने का सपना 4 साल टल गया है, अगला दौरा आमतौर पर 4 साल में होता है. 

धोनी को अब वनडे में हम देखेंगे अगले साल और हां, धोनी का विकेट के पीछे करिश्मा आज भी जारी रहा – एक कैच और एक स्टंप. माना जा रहा है कि भारत ये सीरीज़ 4-1 से भी जीत सकता था. दिल्ली में सिर्फ 6 रन से मैच गंवाया और पिछला मैच भी बल्लेबाज़ों ने फेंक दिया. बहुत सारे प्रयोगों के कारण सीरीज़ 3-2 रही नहीं तो सूपड़ा साफ भी किया जा सकता था लेकिन अंत भला तो सब भला.


संक्षिप्त स्कोर
भारत: 269-6, ओवर 50 (रोहित 70, कोहली 65, धोनी 41, बोल्ट 2-52, सोढी 2-66 )
न्यूज़ीलैंड: 79 ऑल आउट, ओवर 23.1 (विलियम्सन 27, लाथम और टेलर 19-19, मिश्रा 5-18, अक्षर 2-9 )ो







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