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क्या आपने सोचा है कि आगे के सालों में किस तरह के स्मार्टफोन आएंगे? क्या आप ने 5 साल पहले आज के आईफोन 6 या आईफोन 6एस के बारे में सोचा था कि ये इस तरह की खूबियों से लैस होंगे? ऐसे हमारे भविष्य के स्मार्टफोन किस तरह के होंगे............



तकनीकी नित नई उंचाइयों पर पहुंच रही है। हरेक चीज का अपडेट आ रहा है। अगर आप 5 साल पुराना स्मार्टफोन इस्तेमाल करते होंगे, तो आज के स्मार्टफोनों से उसकी तुलना करें! मुमकिन है कि आप चौंक जाएंगे। ऐसे में ये सोचना दिलचस्प होगा कि साल 2018 में जो एपल का आईफोन 8 आएगा उसमें क्या खूबियां होंगी, या साल 2020, 2030 के स्मार्टफोन किस तरह के होंगे?



इस तरह का होगा आईफोन 8 और उससे आगे के स्मार्टफोन: साल 2016 एप्ल के लिए निराशाजनक रहे हैं, ये हम सभी जानते हैं। एपल लगातार अपने प्रतिद्वंदियों के पछाड़ खा रहा है। इसकी वजह है कि आईफोन का हालिया मॉडल जो बाजार में आया, उसमें पिछले मॉडल की तुलना में बहुत कम ही बदलाव हैं। ऐसे में उम्मीद है कि आईफोन 8 स्मार्टफोन के मार्केट में नया धमाका करेगा।


उम्मीद है कि आईफोन 8 फुलग्लास ओएलईडी स्क्रीन के साथ आएगा, जिसमें वायरलेस चार्जिंग और नए तरह का कैमरा होगा। साथ ही प्रोसेसर के मामले में ये भी ये स्मार्टफोन अलग तरह की ऊंचाइयों तक पहुंच चुका होगा।

एपल के एनलसिस टीम में से एक कुलबिंदर गार्चा का मानना है कि आईफो 8 जब साल 2018 में बाजार में आएगा, तो वो छा जाएगा। कंपनी का अनुमान है कि उसकी 250 मिलियन यूनिट स्मार्टफोन की बिक्री होगी। साल 2017 के लिए ये उम्मीद 215 मिलियन यूनिट्स की ही हैं।

भविष्य की जगह अभी आने वाले आईफोन 7 की बात करें तो ज्यादा बेहतर होगा। इससे आईफोन 8 को लेकर थोड़ी बहुत झलक जरूर मिलेगी।

आईफोन 7 इसी साल सितंबर में लांच होगा। इसी के साथ एप्पल के 'एअभी का आईफोन 7 कैसा है: आईफोन के भविष्य की जगह अभी आने वाले आईफोन 7 की बात करें तो ज्यादा बेहतर होगा। इससे आईफोन 8 को लेकर थोड़ी बहुत झलक जरूर मिलेगी। आईफोन 7 इसी साल सितंबर में लांच होगा। इसी के साथ एपल के 'एस' मार्का का खात्मा हो जाएगा।स' मार्का का खात्मा हो जाएगा।





सोर्स: IBN7
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कोलोराडो स्प्रिंग (अमेरिका):रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप यहां रिसॉर्ट के पहले और दूसरे तल के बीच एक लिफ्ट में फंस गए, जहां से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। कोलोराडो स्प्रिंग के अग्निशमन विभाग ने यह जानकारी दी।

कल जारी एक वक्तव्य में विभाग ने बताया है कि शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे उन्हें ट्रंप समेत दस लोगों को बचाने के लिए बुलाया गया था। ये लोग माइनिंग एक्सचेंज रिसॉर्ट में एक लिफ्ट के भीतर फंस गए थे।

विभाग ने बताया कि अग्निशामक दल के सदस्यों ने एलिवेटर के उपरी हिस्से को खोलकर उसमें सीढ़ी डाल दी थी। ट्रंप और अन्य लोग इस सीढ़ी के जरिए लिफ्ट से बाहर निकले और दूसरे तले पर आ गए। इसमें कोई भी व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है।
ट्रंप की प्रचार मुहिम ने घटना की पुष्टि की है। हालांकि इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है।





सोर्स: एनडीटीवी
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गूगल ने भारत के मशहूर हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद को उनके जन्मदिन पर ख़ास डूडल के साथ याद किया है.

प्रेमचंद का जन्म 1880 में उत्तर प्रदेश के लमही गांव में हुआ था.

प्रेमचंद भारत के बड़े साहित्यकारों में गिने जाते हैं. उनके उपन्यास और कहानियों को विश्व स्तर पर पसंद किया गया. उनका अंतिम उपन्यास 'गोदान' सबसे ज़्यादा मशहूर हुआ था.

प्रेमचंद को भारत में 'कलम का सिपाही' के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने एक दर्ज़न से ज़्यादा उपन्यास और कई कहानियाँ लिखी थीं.

प्रेमचंद का असल नाम धनपत राय था. उन्होंने 13 साल की उम्र में ही लिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने पहले उर्दू और फिर हिंदी में लिखा.

प्रेमचंद की ख़ास कहानियों में शतरंज के खिलाड़ी, पूस की रात, बड़े घर की बेटी और नमक का दारोगा हैं. उन्होंने गोदान के अलावा कर्मभूमि, निर्मला, रंगभूमि और सेवासदन जैसे चर्चित उन्यास भी लिखे.

प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में गाँव, सामाजिक ताने-बाने और ग़रीब किसान को ख़ास जगह दी थी.





सोर्स: बीबीसी
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भारतीय समाज की विसंगतियों पर करारी चोट करती, आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करती, साहित्य की कहानी विधा का सच्चे अर्थों में प्रतिनिधित्व करती मुंशी प्रेमचंद की सहज-सुगम लेखनी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी अपने रचनाकाल में थी।

दरअसल, कहानी की पाश्चात्य विधा को जानने के बावजूद प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में न केवल अपने समय को ही पूर्ण रूप से प्रतिबिम्बित व स्पंदित किया अपितु आदर्श को भी समाज के समक्ष रखा, जो भारतीय लेखन-चिंतन का मूल आधार है।

उन्होंने जहां एक ओर अंधपरंपराओं पर चोट की वहीं सहज मानवीय संभावनाओं और मूल्यों को भी खोजने का प्रयास किया। इसी वजह से उनकी कहानियां व उपन्यास हिन्दी साहित्य की अमर रचनाओं व कृतियों के रूप में अमिट धरोहर बन गईं। प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) के उपलक्ष्य में सुधी पाठकों के लिए प्रस्तुत है यादों का ये गुलदस्ता.....।

प्रेमचंद आम आदमी तक अपने विचार पहुंचाकर उनकी सेवा करना चाहते थे। इसी मंशा से उन्होंने 1934 में अजंता सिनेटोन नामक फिल्म कंपनी से समझौता करके फिल्म संसार में प्रवेश किया। वे बम्बई पहुंचे और 'शेर दिल औरत' और 'मिल मजदूर' नामक दो कहानियां लिखीं। 'सेवा सदन' को भी पर्दे पर दिखाया गया। लेकिन प्रेमचंद मूलतः निष्कपट व्यक्ति थे।

फिल्म निर्माताओं का मुख्य उद्देश्य जनता का पैसा लूटना था। उनका यह ध्येय नहीं था कि वे जनजीवन में परिवर्तन करें। इस वजह से प्रेमचंद को सिनेजगत से अरुचि हो गई और वे 8 हजार रुपए वार्षिक आय को तिलांजलि देकर बम्बई से काशी आ गए। फिल्म संसार से क्या मिला? इस सवाल के जवाब में प्रेमचंद लिखते हैं कि अंतिम समय उनके पास 1400 रुपए थे



साहित्य का आदर्श

साहित्य की बात करते हुए प्रेमचंद लिखते हैं, 'जो धन और संपत्ति चाहते हैं, साहित्य में उनके लिए स्थान नहीं है। केवल वे, जो यह विश्वास करते हैं कि सेवामय जीवन ही श्रेष्ठ जीवन है, जो साहित्य के भक्त हैं और जिन्होंने अपने हृदय को समाज की पीड़ा और प्रेम की शक्ति से भर लिया है, उन्हीं के लिए साहित्य में स्थान है। वे ही समाज के ध्वज लेकर आगे बढ़ने वाले सैनिक हैं।'

साहित्य व देश सबसे ऊपर

पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी को लिखे पत्र में प्रेमचंद ने कहा था, 'हमारी और कोई इच्छा नहीं है। इस समय यही अभिलाषा है कि स्वराज की लड़ाई में हमें जीतना चाहिए। मैं प्रसिद्धि या सौभाग्य की लालसा के पीछे नहीं हूं। मैं किसी भी प्रकार से जिंदगी गुजार सकता हूं।

मुझे कार और बंगले की कामना नहीं है लेकिन मैं तीन चार अच्छी पुस्तकें लिखना चाहता हूं, जिनमें स्वराज प्राप्ति की इच्छा का प्रतिपादन हो सके। मैं आलसी नहीं बन सकता। मैं साहित्य और अपने देश के लिए कुछ करने की आशा रखता हूं।'

चांदनी जैसा निर्मल व्यक्तित्व

प्रेमचंद ने अपने जीवन में देशभक्ति, प्रामाणिकता और समाज सुधार का प्रचार न केवल अपनी लेखनी से किया, बल्कि वे जीवन में स्वयं उस पर
भी रहे। देश की जनता के लिए उन्होंने ताउम्र लिखा और जनता के लिए ही जिये। प्रेमचंद का व्यक्तित्व चांदनी के समान निर्मल था। यह निर्मलता उनके शैशव से ही झलकती थी।



हिन्दू~मुस्लिम सांस्कृतिक एकता

वाराणसी के निकट लमही नामक ग्राम में उनका जन्म हुआ। यहां का श्रीवास्तव परिवार लेखकों के लिए प्रसिद्ध था। इस परिवार के लोगों ने प्रायः मुगल-कचहरियों में बाबू का काम किया था।

प्रेमचंद के पिता भी डाकघर में मुंशी यानी बाबू थे। स्वभावतः मुगल~सभ्यता की छाप इनके परिवार पर पड़ी थी। श्रीवास्तव परिवार इस्लामी सभ्यता की बहुत सी बातों से प्रभावित हुआ था ,जैसे पहनावे का ढंग। यह परिवार हिन्दू~मुस्लिम सांस्कृतिक समन्वय का उत्कृष्ठ उदाहरण था।

दरिद्रता में बीता बचपन


प्रेमचंद संयुक्त परिवार में रहते थे। उनका बचपन दरिद्रता में बीता। पिता का मासिक वेतन महज 20 रुपए था। इतने कम वेतन में वे किस प्रकार अपने बच्चों को अच्छा भोजन और अच्छे वस्त्र दे सकते थे। प्रेमचंद लिखते हैं- 'मेरे पास पतंग खरीदकर उड़ाने के लिए भी पैसे नहीं रहते थे। यदि किसी की पतंग का धागा कट जाता था तो मैं पतंग के पीछे दौड़ता और उसे पकड़ता था।'

आम आदमी की भाषा का साहित्य

जब आज भी साहित्य में प्रेमचंद जिंदा हैं तो उनकी रचनाएं भी प्रासंगिक होंगी ही। कितने रचनाकार हुए लेकिन जितना याद प्रेमचंद को किया जाता है और किसी को नहीं। उनका साहित्य शाश्वत मूल्य है। जब तक राष्ट्रीय समस्याएं जैसे गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी आदि रहेंगी तब तक प्रेमचंद का साहित्य रहेगा।

जब तक अभावों का साम्राज्य रहेगा तब तक साहित्य रहेगा और जब तक आम आदमी का जीवन एकदम परिवर्तित नहीं हो जाता तब तक प्रेमचंद का साहित्य प्रासंगिक रहेगा। प्रेमचंद आम आदमी के चितेरे थे। उनकी रचनाओं में आम आदमी की भाषा है।

प्रेमचंद ने निम्न और मध्य वर्ग के यथार्थ को अपने साहित्य का हिस्सा बनाया। जो उन्होंने लिखा उसे जीया भी। अगर उन्होंने विधवा विवाह का समर्थन किया तो खुद भी विधवा विवाह किया। प्रेमचंद का साहित्य ऐसा यथार्थ है, जिससे लोगों को वितृष्णा नहीं होती।



सोर्स: वेब_दुनिया
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साहित्य के साथ गुलजार के रिश्ते में मुंशी प्रेमचंद का सबसे अधिक प्रभाव रहा है और प्रख्यात कवि-गीतकार का मानना है कि एक सदी बीत जाने के बाद भी प्रेमचंद की कृतियों ने अपनी प्रासंगिकता नहीं गंवाई है.

प्रेमचंद की कृतियों 'गोदान' और 'निर्मला' को स्क्रीनप्ले प्रारूप में आज पेश करने वाले 81 वर्षीय गुलजार ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों में दर्शाई गई समस्याएं आज भी मौजूद हैं. गुलजार कहते हैं, 'प्रेमचंद आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे स्वतंत्रता से पहले के वक्त में थे.'

उन्होंने कहा, 'उनके साहित्य, जिन चरित्रों का उन्होंने चित्रण किया, जिन समस्याओं के बारे में उन्होंने बात की, आज भी हम उनसे उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चाहे वह गरीबी हो या जाति के आधार पर भेदभाव, ये चीजें आज भी हमारे समाज में हैं और स्थिति बद से बद्तर हुई है. 'होरी' और 'धनिया' अब भी हमारे गांवों में हैं.'




सोर्स: एनडीटीवी
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गुवाहाटी : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को असम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि राज्य की ‘गंभीर एवं चुनौतीपूर्ण’ स्थिति उनकी कल्पना से परे है। बाढ़ से 29 लोगों की मौत हुई है और करीब 37 लाख लोग प्रभावित हैं।

सिंह के साथ असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और डीओएनईआर मंत्री जितेंद्र सिंह आदि थे। उन्होंने कहा कि राज्य के पास 620 करोड़ रुपये पहले से हैं और जरूरत पड़ी तो केंद्र और धनराशि मुहैया कराएगा।

उन्होंने राज्य के कुछ स्थानों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे कल्पना नहीं थी कि स्थिति इतनी गंभीर है। मैंने मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों से बात की है। समस्या एक बड़ी चुनौती है।’ सिंह ने बताया कि जिलों में बाढ़ से 29 व्यक्तियों की जान गई है और करीब 37 लाख लोग प्रभावित हैं।

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार के पास वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 650 करोड़ रुपये हैं। मैंने उनसे बिना किसी संकोच के उसे खर्च करने के लिए कहा है। यदि और धनराशि की जरूरत हुई, हम हैं और हम हर संभव तरीके से मदद करेंगे।’

यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र समस्या को राष्ट्रीय आपदा घोषित करेगा, गृह मंत्री सिंह ने कहा कि समस्या को कोई नाम दे देना मदद नहीं है। सिंह ने कहा, ‘बाढ़ को एक राष्ट्रीय आपदा घोषित करना कोई हल नहीं है। हमें यह पता लगाना चाहिए कि बाढ़ क्यों आती है, हमें क्या कदम उठाने चाहिए और हम नुकसान को कैसे कम करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य सरकार से समस्या पर एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहूंगा। हमें उसका समाधान दीर्घकालिक योजना से करना चाहिए। केवल अल्पकालिक उपायों से मदद नहीं मिलेगी।’

सिंह ने मोरीगांव में एक राहत शिविर का दौरा किया और हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने समस्या से निपटने में राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।उन्होंने असम विधानसभा द्वारा सदन की कार्यवाही तीन दिन स्थगित करने के निर्णय की भी प्रशंसा की ताकि विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकें। उन्होंने कहा, ‘संभवत: भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।’ सोनोवाल ने गृह मंत्री को बाढ़ की स्थिति पर एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी और केंद्र से मदद मांगी।

सिंह ने कहा, ‘मुझे रिपोर्ट मिल गई है। मैं दिल्ली पहुंचकर तुरंत की एक अंतर मंत्रालयी टीम असम भेजूंगा। तदनुसार केंद्र कार्य करेगा।’





सोर्स:जी़न्यूज़
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नई दिल्ली (31 जुलाई): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर मन की बात में की। इस दौरान उन्होंने देशवासी को रियो ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को शुभकामनाएं भेजने को कहा। साथ ही ऑनलाइन फ्रॉउ से बचने की भी सलाह दी।
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा...

- आज सुबह-सुबह मुझे दिल्ली के नौजवानों के साथ कुछ पल बिताने का अवसर मिला।

- मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में पूरे देश में खेल का रंग हर नौजवान को उत्साह-उमंग के रंग से रंग देगा।

- कुछ ही दिनों में विश्व का सबसे बड़ा खेलों का महाकुम्भ होने जा रहा है. रियो हमारे कानों में बार-बार गूंजने वाला है।

- हमारी आशा-अपेक्षाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन रियो में जो खेलने के लिये गए हैं, उनका हौसला बुलंद करने का काम भी देशवासियों का है।

- हम भी आने वाले दिनों में, जहां भी हों, हमारे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिये कुछ-न-कुछ करें।

- यहां तक जो खिलाड़ी पहुंचता है, वो बड़ी कड़ी मेहनत के बाद पहुंचता है. एक प्रकार की कठोर तपस्या करता है।

- हम सभी देशवासी रियो ओलंपिक के लिए गए हुए हमारे सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दें।

- मैं शिल्पी वर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे चीट और फ्रॉड ई-मेल एक घटना से अवगत कराया।

- टेक्नोलॉजी के माध्यम से लूटने के एक नये तरीके विश्व भर में फैल रहे हैं, इससे हमें सजग रहना चाहिए।



सोर्स: न्यूज़२४
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वायुसेना के एएन 32 विमान के लापता हुए आज दस दिन हो गये । गौरतलब है की इस विमान में देवरिया जनपद के भाटपाररानी तहसील के सूरजीपुर गाँव के रहने वाले रघुवीर वर्मा भी सवार थे, जो अपनी एयर फ़ोर्स की ट्रेनिंग करने के बाद अपने माँ बाप से मिलने अंडमान निकोबार जा रहे थे। इनके पिता अंडमान में पुलिस विभाग में तैनात हैं।

इनके गाँव सुरजीपुर में रघुवीर के दादा, दादी ,और चाचा सहित पूरा परिवार रहता है। उनके परिवार में एक उम्मीद की जगी है। उनका कहना है की जो मोबाइल रघुवीर के पास है उस पर जब हम लोगों ने फोन किया तो घंटी बजी, लगातार फोन करने पर स्विच आफ हो गया।

इनका कहना है अंडमान से रघुवीर के माता पिता भी फोन मिला रहे है घंटी बज रही है फिर स्विच आफ हो जा रहा है। हम लोग चाहते है की सरकार जल्द जल्द विमान को खोज निकाले और मेरे रघुवीर सहित सभी यात्री सकुशल अपने घर पहुंच जाए।




सोर्स: न्यूज़२४
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भगवान गणेश का शारीर इन्सान कि तरह है लेकिन उनका मुख हाथी कि तरह है। इस बात को हम सब जानतें हैं लेकिन क्या आप जानतें है जब भगवान शंकर ने गणेश जी को हाथी का सर लगा रहे थे तो उनका असली कटा हुआ सर कहां है। यह सवाल आपके मन में जरुर होगा। लेकिन चलिए हम आपको उस हकीकत से रुबुरु करवातें हैं जिसके बारें में आपने अब तक नही सुना होगा। कहतें हैं कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया।

उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जहां पर पाताल भुवनेश्वर नामक एक गुफा है। यह गुफा अपने आप में किसी रहस्य से कम नही है। कहतें हैं कि इस गुफा में आज भी कुछ ऐसे सत्य जीवित हैं जो इंसान को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। आपको यकीन नही होगा लेकिन मान्यता है कि इस गुफा में आज भी कहतें हैं कि भगवान गणेश का कटा हुआ सर रखा हुआ है। हर साल इस गुफा में हजारों कि संख्या में लोग दर्शन करने और देखने आते हैं।

पाताल भुवनेश्वर में गुफा में आपको कई ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जिन्हें देखने के बाद इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है। जैसे इस गुफा में रखे गये गणेश भगवान के सर पर 108 पंखुड़ियों वाला कमल बना हुआ है। उस कमल में से पानी कि बूंद गणेश भगवान के सर टपकती है। कहा जाता है इस यह कमल ब्रम्हदेव का है और इसे खुद महादेव ने यहाँ पर रखा था। इस बात कि जानकरी का स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं।




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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर झटका लगा। नरेला से आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को AAP कार्यकर्ता सोनी आत्महत्या मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। विधायक शरद चौहान के साथ ही इस मामले से जु़ड़े कुल 8 लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया। 

चौहान की गिरफ्तारी के साथ ही पार्टी के गिरफ्तार किए गए नेताओं की संख्या 12 हो गयी है। मामले के सिलसिले में पिछले चार दिनों मे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा ने चौहान और मुख्य आरोपी रमेश भारद्वाज से कई घंटे पूछताछ की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौहान और भारद्वाज के अलावा विधायक के सहयोगी अमित और रजनीकांत सहित 5 अन्य लोगों को कल रात गिरफ्तार किया गया।  

भारद्वाज को सोनीपत से 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। महिला की खुदकुशी के सिलसिले में नरेला के स्थानीय विधायक के साथ उससे पूछताछ की गयी।

आत्महत्या के बाद से सोनी के परिवार ने आरोप लगाया था कि विधायक के करीबी रमेश भारद्वाज सोनी को विधायक शरद चौहान के कहने पर परेशान कर रहा था। इससे तंग आकर सोनी ने आत्महत्या की। इससे पहले सोनी की आत्महत्या के मामले में आरोपी रमेश भारद्वाज को दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार किया।

उल्लेखनीय है कि AAP की महिला कार्यकर्ता ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के नरेला में अपने घर पर जहरीली चीज खा ली थी और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इलाज के दौरान उसने 19 जुलाई को दम तोड़ दिया था। महिला ने आत्महत्या के कुछ दिन पहले ही विधायक शरद चौहान के खिलाफ प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने महिला की शिकायत पर 509 और 506 में मामला दर्ज कर लिया था। 

महिला कार्यकर्ता ने एक वीडियो जारी कर भी भारद्वाज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। भारद्वाज ने उससे कहा था कि अगर वह पार्टी में उभरना चाहती है तो उसे समझौता करना होगा और उसने खुद को स्थानीय पार्टी विधायक का करीबी होने का दावा किया था। दिल्ली पुलिस ने 20 जुलाई को खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज करते हुए पूरा मामला विशेष जांच दल को सौंप दिया था। महिला के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि कथित रूप से छेड़छाड़ करने वाले भारद्वाज के जमानत पर रिहा हो जाने के बाद महिला अवसाद में थी।

महिला ने कथित तौर पर गलत इरादे से छूने केा लेकर भारद्वाज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और जून में छेड़खानी का एक मामला दर्ज किया गया था। आरोपी को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था। इस मामले लेकर ने आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच वाक्युद्ध छिड़ गया था।






सोर्स:ज़ी न्यूज़ 
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि सऊदी अरब में नौकरी गंवाने के बाद करीब 10,000 भारतीय कामगार वित्तीय मुश्किलों के चलते भयंकर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं. सरकार ने इस खाड़ी देश में अपने मिशन को उन्हें भोजन एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.


सुषमा स्वराज ने उस देश में रह रहे 30 लाख भारतीयों से अपने बंधुओं की सहायता करने की अपील की और कहा कि भारतीय राष्ट्र के सामूहिक संकल्प से ज्यादा ताकतवर कुछ नहीं है. विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘हमने रियाद में भारतीय दूतावास से कहा है कि वह सऊदी अरब में बेरोजगार भारतीय कामगारों को मुफ्त राशन मुहैया कराए.’ उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और कुवैत में भारतीय नागरिकों को अपने काम और वेतन से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और सऊदी अरब में मामले ज्यादा खराब हैं.’

सुषमा ने यह जवाब तब दिया जब एक शख्स ने उन्हें ट्वीट कर कहा था कि जेद्दा में करीब 800 भारतीय तीन दिनों से भूखे हैं. उसने उनसे मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी. बाद में विदेश मंत्री ने कहा, ‘सऊदी अरब में खाद्य संकट का सामना कर रहे भारतीय श्रमिकों की संख्या 10 हजार से ज्यादा है. यह 800 नहीं है जैसा कि समाचार है.’ उन्होंने कहा कि विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह इस समस्या की गंभीरता का आकलन करने और उसका हल करने की कोशिश करने शीघ्र ही इस खाड़ी देश में जाएंगे.




पूरे मामले की हर घंटे निगरानी कर रही हूं: सुषमा 

सुषमा ने कहा, ‘मैं आपको यकीन दिलाती हूं कि सऊदी अरब में नौकरी गंवाने वाले किसी भारतीय को भूखा नहीं रहना पड़ेगा. मैं पूरे मामले की निगरानी हर घंटे कर रही हूं.’ उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीयों ने अपनी नौकरियां गवाई हैं और उनके नियोक्ताओं ने उन्हें वेतन नहीं दिए हैं और अपने कारखाने बंद कर दिए हैं. विदेश मंत्री ने कहा, ‘नतीजतन, सऊदी अरब और कुवैत में हमारे भाइयों-बहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.’ उन्होंने कहा कि कुवैत में तो चीजें संभालने लायक हैं, लेकिन सऊदी अरब में मामला बदतर है .




वीके सिंह सऊदी अरब जाएंगे 

सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर कुवैत और सऊदी अरब के अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे. विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मेरे सहकर्मी वी के सिंह इन मामलों को सुलझाने के लिए सऊदी अरब जाएंगे और एम जे अकबर कुवैत और सऊदी अरब के अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे.’ भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी पहले ही जेद्दा के समीप हाइवे कैंप की ओर रवाना हो चुके हैं जहां सैकड़ों कामगारों को सहायता की दरकार है.



सुषमा ने की भारतीयों से अपने देश के लोगों की मदद करने की अपील 

वाणिज्य दूतावास ने जेद्दा के भारतीय समुदाय के साथ मिलकर पहले ही 15,475 किलोग्राम अनाज एवं अन्य सामान वितरित किया है. सुषमा ने कहा, ‘मैं सऊदी अरब में 30 लाख भारतीयों से अपील करती हूं. कृपया अपने साथी भाइयों-बहनों की मदद कीजिए. भारतीय राष्ट्र के सामूहिक संकल्प से ज्यादा मजबूत कुछ नहीं है.'



सोर्स:आजतक 
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हम लोगों के लिए यह माना खासा मुश्किल है कि भारत में ही कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां भारतीयों को प्रवेश की इजाजत नहीं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसी ही पांच जगहों के बारे में जहां विदेशी तो जा सकते हैं, मगर हम भारतीय नहीं...


#1 यूनो-इन होटल, बेंगलुरु :


सौजन्य - Uno-in.in

बेंगलुरु में स्थित यह होटल साल 2012 में खास तौर से जापानी लोगों के लिए बनाया गया था। हालांकि जल्द ही यह विवादों में घिर गया, जब कई ऐसे मामले सामने आए, जहां होटल स्टाफ ने कथित रूप से भारतीयों को रूफ टॉप रेस्त्रां में जाने से रोक दिया।

ऐसे में इसे लेकर वहां खासा विवाद हुआ और साल 2014 आते-आते ग्रेटर बैंगलोर सिटी कॉर्पोरेशन ने जातीय भेदभाव के आरोप में इस होटल को बंद करवा दिया।


#2 फ्री कसोल कैफे, कसोल :


सौजन्य - फेसबुक

हिमाचल प्रदेश के कसोल में स्थित यह कैफे साल 2015 में उस वक्त सुर्खियों में आया, जब खबर आई कि इसके मालिक ने एक भारतीय महिला को सर्व करने से मना कर दिया, जबकि इस्राइलियों का यहां स्वागत है।

इसे लेकर काफी विवाद हुआ था, हालांकि कैफे मालिक का कहना है कि 'यहां आने वाले ज्यादातर भारतीय पर्यटक पुरुष होते हैं, जो कि यहां दूसरे पर्यटकों से दुर्व्यवहार करते हैं।'

#3 ब्रॉडलैंड लॉज, चेन्नई :


सौजन्य- फेसबुक

चेन्नई में 'फिरंग' के तौर पर नाम बना चुका यह लॉज शख्त तौर पर 'नो इंडियन पॉलिसी' पर चलता है। लॉज में वही लोग ठहर सकते हैं, जिनके पास विदेशी पासपोर्ट है। अपनी भेदभाव वाली नीतियों की वजह से यह लॉज पिछले कुछ वर्षों के दौरान सुर्खियों में भी रहा।

#4 'फॉर्नर्स ओन्ली' बीच, गोवा :


प्रतीकात्मक

गोवा में कई ऐसे निजी बीच हैं, जहां भारतीयों को जाने से रोका जाता है। यहां के बीच मालिकों का तर्क है कि ऐसे वे 'बीकीनी पहने विदेशी पर्यटकों' को छेड़खानी से बचाने के लिए करते हैं, (मानों बस भारतीय ही ऐसी हरकतें हैं)। हालांकि उनका तर्क जो भी हो, मतलब साफ है- भारतीय यहां ना आए।

#5 पुदुच्चेरी के 'फॉर्नर्स ओन्ली' बीच :


प्रतीकात्मक

गोवा की ही तरह यहां भी कई बीच पर केवल विदेशियों को ही जाने की इजाजत है, भारतीयों को नहीं और वजह भी वहीं बताते हैं 'नजरों का फेर'...




सोर्स: NDTVख़बर

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भारत ने जमैका में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन आर. अश्विन (52/5) की बेहतरीन गेंदबाजी और लोकेश राहुल की शानदार बल्लेबाजी (नाबाद 75 रन) के दम पर वेस्टइंडीज पर दबदबा बनाए रखा.

टीम इंडिया के गेंदबाजों ने पहले दिन मेजबान टीम को पहली पारी में महज 196 रन पर समेट दिया. इसके जवाब में खेलने उतरी भारतीय टीम ने दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में 1 विकेट के नुकसान पर 126 रन बना लिए हैं.

टीम का एकमात्र विकेट शिखर धवन के रूप में गिरा, जो कि 27 रन बनाकर चेस की गेंद पर ब्रैवो को कैच थमा बैठे. वहीं लोकेश राहुल (75*) और चेतेश्वर पुजारा (18*) पहले दिन का खेल खत्म होने तक पिच पर डटे हुए हैं.

अश्विन ने 5, तो इशांत और समी ने झटके दो-दो विकेट

इससे पहले टॉस हारने के बाद पहले गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए अश्विन के अलावा इशांत शर्मा और मोहम्मद समी ने दो-दो सफलता हासिल की। एक विकेट अमित मिश्रा को भी मिला। कैरेबियाई पारी की समाप्ति के साथ ही चायकाल की घोषणा कर दी गई।
पूरी तरह हावी रहे भारतीय गेंदबाज
मेजबान टीम ने 52.3 ओवरों का सामना किया।

उसकी ओर से जेम्स ब्लैकवुड ने सबसे अधिक 62 रन बनाए। इसके अलावा मार्लन सैमुएल्स ने 37 तथा अपना पहला टेस्ट खेल रहे मिग्वेल कुमिंस ने नााद 24 रन बनाए। ब्लैकवुड और सैमुएल्स ने सात रनों पर तीन विकेट गिरने के बाद चौथे विकेट के लिए 81 रन जोड़े। यह कैरेबियाई पारी की सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। इससे पहले और इसके बाद भारतीय टीम पूरी तरह मेजबानों पर हावी रही।

सीरीज में कैरेबियाई टीम का अब तक का न्यूनतम स्कोर ब्लैकवुड ने अपना शानदार क्लास दिखाते हुए महज 62 गेदों का सामना कर सात चौके और चार छक्के लगाए। सैमुएल्स ने 88 गेंदों का सामना कर पांच चौके और दो छक्के लगाए, जबकि कमिंस ने 25 गेदों पर दो चौके और इतने ही छक्के जड़े।

कुमिंस ने शेनॉन गेब्रियल के साथ अंतिम विकेट के लिए 38 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को 200 के करीब पहुंचाया। यह इस सीरीज में कैरेबियाई टीम का अब तक का न्यूनतम स्कोर है।
चार मैचों की सीरीज में मेजबान टीम 0~1 से पीछे है। उसे पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 92 रनों से हार मिली थी। यह विदेश में भारत की सबसे बड़ी जीत है। उस मैच में अश्विन ने दूसरी पारी में सात विकेट लिए थे।




सोर्स: NDTVख़बर
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जालंधर के काजी मंडी में 14 साल की लड़की ने गले में फंदा डालकर खुदकुशी कर ली। ये लड़की अपनी बहन और जीजा के घर पर रह रही थी। लड़की के मां-बाप की पहले मौत हो चुकी है। इसी वजह से वो बहन-जीजा के साथ रह रही थी।

लड़की के जीजा राजू ने थाना रामा मंडी के इंचार्ज नरेश कुमार जोशी को बताया कि उसकी साली घरों में मेड का काम करती थी। जब वो घर में अकेली थी उसने ये कदम उठाया। राजू ने बताया कि जब वह घर पहुंचे तो वो छत से लटक रही थी।

लड़की को सिविल अस्पताल लेकर गए तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने 174 की कार्रवाई करते हुए पूजा का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। मृतका के मां-बाप दोनों की पहले ही मौत हो चुकी है जिसके चलते वह अपनी बहन के पास रहती थी।




सोर्स: न्यूज़२४
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इंचियोन एशियाई खेल में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता
ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में  भारतीय हॉकी टीम को मिला रजत पदक
विश्व हॉकी लीग में भारत को कांस्य पदक
सुल्तान अजलान शाह कप में भारत ने शानदार प्रदर्शन से रजत पदक जीता


पिछले दो सालों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के प्रदर्शन की कुछ ऐसी ही सुर्खियाँ बनती रही हैं। कुछ समय से भारतीय टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे रियो ओलम्पिक्स में इसबार मेडल के 26 साल का सूखा टूटने की आस है। भारत का हालिया प्रदर्शन दिखाता है कि इसबार टीम में वो जज्बा है जो भारत की झोली में ओलम्पिक मेडल डाल सकता है। ब्रजील के रियो शहर में 5 अगस्त से शुरू हो रहे ओलम्पिक खेलों के लिए भारतीय हॉकी टीम ने अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं।

इसबार भारत के नॉक आउट दौर में पहुँचने की राह थोड़ी आसान मानी जा रही है।  दरअसल, नियमों में थोड़े बदलाव के चलते टीमों को दो पूल में बाँट दिया गया है। अपने पूल में भारत अगर 2 मैच भी जीतता है तो नॉक आउट दौर में पहुँचने की उम्मीद है। भारत को पूल में बी में रखा गया जिसमें उसके साथ हॉलैंड, जर्मनी, अर्जेंटीन, ऑयरलैैंड और कनाडा है। भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलेट ऑल्टेमैंस मेडल जीतने को लेकर थोड़े आश्वस्त दिख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भारतीय टीम के उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए ओलम्पिक में मेडल का आस बढ़ गई है। हम पदक के दावेदार हैं।
indian hockey
भारतीय हॉकी टीम (सोर्स- एपी)

इन खिलाड़ियों पर दारोमदार
  • सरदार सिंहः टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी। बेहतरीन मिडफील्डर। विपक्षी टीम के आक्रामक अटैक को मिडफील्ड में बेकार कर देने में महारथ।
  • वीआर रघुनाथः बेहतरीन डिफेंडर हैं। पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में माहिर हैं। इनसे काफी उम्मीदें हैं।
  • दानिश मुज्तबाः ये फार्वर्ड पोजीशन पर रहते हैं। पिछले कुछ समय से इनके बहतरीन प्रदर्शन ने उम्मीदें जगाई हैं।
  • आकाशदीपः 22 साल का यह फार्वर्ड खिलाड़ी गोलकीपर को छकाने में होशियार है।
  • श्रीजेशः यह गोलकीपर और भारतीय टीम के कप्तान हैं। जाहिर तौर पर इनसे बहुत उम्मीदें हैं।

कब-कब हैं भारत के मुकाबलेः

06 अगस्त 2016- भारत बनाम आरयलैंड

08 अगस्त 2016- भारत बनाम जर्मनी

09 अगस्त 2016- भारत बनाम अर्जेंटीना

11 अगस्त 2016- भारत बनाम नीदरलैंड

12 अगस्त 2016- भारत बनाम कनाडा

ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी

ओलम्पिक खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का सुनहरा इतिहास रहा है। भारती हॉकी ने ओलम्पिक खेलों में अभी तक कुल 11 मेडल जीते हैं। इन 11 में से 8 गोल्ड मेडल हैं। यानि भारतीय हॉकी टीम 1928, 32, 36, 48, 52, 56, 64 और 1980 में ओलम्पिक चैंपियन रहा है। पिछले 26 सालों से हॉकी ओलम्पिक के लिए तरसती रही है लेकिन इस बार हम एकबार फिर सुनहरे दिनों के लौटने की आस लगा सकते हैं।



सोर्स:इंडिया.कॉम 
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कुछ दिन पहले कश्मीर में जम्मू-काश्मीर पुलिस और सुरक्षा बालों के जवानों ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। ऑपरेशन बिलकुल अंधेरे में नहीं किया गया था। खबर थी। पूरी तैयारी की ही गई होगी। और ऑपरेशन हुआ, सफल हुआ। और आतंकी मारा गया। फिर जैसे ही खबर फैली पूरे कश्मीर में लोग सड़कों पर आ गए। इसके नाम पर पत्थरबाज़ी की गई। हज़ारों की भीड़ उसके जनाजे को लेकर निकली। मीडिया में 24 घंटे चर्चे हुए।
लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल होती यह तस्वीर देखी तो मन मसोस कर रह गया। और हां, हम भी इस बात को कबूल करते हैं कि इस तस्वीर में जिस जवान की मूर्ती दिखाई गई है। इस वीर का नाम क्या है? ये हमें भी नहीं पता है।
सोशल मीडिया को खूब छानने की कोशिश की। तो सिर्फ इतनी सी जानकारी मिली की ये जो बच्चे इस मूर्ती की उंगलियों को पकड़े खड़े हैं। ये और कोई नहीं उनके बच्चे हैं। वो सिर्फ उस मूर्ती को नहीं अपने पिता की उंगलियों को उनमें महसूस कर रहे हैं।

दिखा तो लगा कम से कम आपसे साझा कर लें। जहां आतंकी पोस्टर बॉय बन जाता है वहां लोग एक जवान की तस्वीर को देखने की जहमत तो उठा ही सकते हैं।
और साथ में एक अपील भी है..
अगर आप पाठकों में से किसी को भी इस जवान की कहानी पता हो। तो आप पूरा किस्सा हमें लिख भेजिए। इनकी कुछ और तस्वीरों के साथ। हम इसे अपनी वेबसाइट पर पूरे गर्व के साथ छापेंगे। सिर्फ इतनी गुजारिश है किस्सा सही हो।

हमारा पता है:  b3connect@gmail.com



न्यूज़ सोर्स:फिरकी.इन 
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सावन का महिना चल रहा है, पुरे भारत में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है। भक्त इस पुरे महीने में भगवान शिव की पुरे मन से पूजा करते हैं ताकि वह उन्हें खुश कर सके। माना जाता है की भगवान शिव इस महीने में अपने भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। तो आज उन सभी भक्तों को हम भगवान शिव से जुडी कुछ खास बातें बताएंगे जिसे शायद आप नहीं जानते होंगे।

क्यों हैं भगवान शिव की तीन आंखें:

भगवान शिव के तीन आंखों वाला होने के कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक बुद्धि का स्रोत है। बतादें की हम सभी में भी यह चीज है मगर हमें सिर्फ इसे समझने की जरुरत है।
शिव भगवान अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं:

हिन्दू धर्म में देखा गया है की सभी देवी देवता बहुत सुन्दर वस्त्र-आभूषणों को धारण करते हैं। मगर उन सभी मे से केवल देवो के देव महादेव अपने पुरे शरीर पर भस्म लागतें हैं। दरअसल, भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। मगर यह तो रही विज्ञानं की बातें मगर भगवान शिव के बारे में यह माना जाता है की उन्हें सभी चीजे अच्छी लगती है, चाहे वह जीवित हो या फिर मृत हो।
आखिर क्यों त्रिशूल रहता है भगवान शिव के हाथो में:

सभी हिन्दू देवी देवताओं का अपना अपना प्रमुख अस्त्र है, वैसे ही भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र त्रिशूल है जिस से वह अपने रूद्र रूप में दुष्टो का नाश करते हैं। आपको बतादेँ की त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिशूल के माध्यम से भगवान शिव यह संदेश देते हैं कि इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। यह त्रिशूल तभी उठाया जाए जब कोई मुश्किल आए। तभी इन तीन गुणों का आवश्यकतानुसार उपयोग हो।
आखिर क्यों भगवान शिव करते हैं बैल की सवारी:

सभी जानते हैं की भगवान शिव का वाहन नन्दी यानी एक बैल है। बतादें की नन्दी बैल जितना शांत और सुंदर दिखता है उतना ही वह शक्तिशाली है। नन्दी की भक्ति और भोलेपन के कारण उसे भगवान ने अपनी सवारी बनाया है। वहीं नंदी पुरुषार्थ का भी प्रतीक माना गया है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी बैल कभी थकता नहीं है। वह लगातार अपने कर्म करते रहता है। इसका अर्थ है हमें भी सदैव अपना कर्म करते रहना चाहिए।
आखिर क्यों भगवान शिव पहनते हैं अपने गले में नाग:

भगवान शिव की वेशभूषा सभी भगवानो से अलग और अनोखी है। भगवान शिव अपने शरीर पर छाल और गले में नाग को धारण करते हैं। जैसे की नाग धरती का एक सबसे खतरनाक प्राणी है जो की जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं। मगर सही तरह से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को धारण कर सभी को यह संदेश देते है की जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।




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श्रीनगर : सेना ने कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की एक कोशिश को शनिवार को नाकाम करते हुये दो आतंकवादियों को मार गिराया। अभियान में दो जवान भी शहीद हो गये।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों ने दरम्यानी रात के दौरान नौगाम सेक्टर में एलओसी के पास संदिग्ध गतिविधियों पर गौर किया और घुसपैठियों का सामना किया। अधिकारी ने बताया कि अभियान में दो आतंकवादी मारे गये। उन्होंने बताया अभियान में दो जवान भी शहीद हो गये जबकि एक अन्य घायल हो गये।

अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से दो एके राइफल एक यूबीजीएल और युद्ध से सबंधित अन्य वस्तुओं को बरामद किया गया। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल समेत कई हथियार बरामद हुए हैं। साथ ही, उनके पास से कुछ खाने-पीने की चीजें भी मिलीं हैं। इस सप्ताह यह दूसरी बड़ी घुसपैठ की कोशिश है जिसे सेना ने नाकाम किया है। सेना ने 26 जुलाई को घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम किया था जिसमें चार आतंकवादी मारे गये थे और एक को जिंदा गिरफ्तार किया गया था।
जिंदा गिरफ्तार आंतकी सैफुल्‍लाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से पूछताछ में कई खुलासे किए हैं और पाकिस्‍तान की साजिश फिर बेनकाब हुई है। पूछताछ में बहादुर अली उर्फ सैफुल्लाह ने कहा कि वह निर्दोष लोगों को मारने के लिए कश्मीर आया था।


सोर्स:ज़ी न्यूज़ 
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नई दिल्‍ली : पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। अमेरिका ने भारत की राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को 1000 पन्नों का डोजियर सौंपा है। इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान और चार फिदायीन आतंकियों के बीच बातचीत रिकार्ड हैं। गौर हो कि इस साल की शुरुआत में जनवरी महीने में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। इस 1000 पन्‍नों के डोजियर में पाकिस्‍तान की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस डोजियर में आतंकियों की बातचीत के अहम सबूत मिले हैं। इसमें पाकिस्‍तानी आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच बातचीत का जिक्र है। हमले के दौरान पाकिस्‍तान में हैंडलर के संपर्क में थे जैश आतंकी। हैंडलर से लगातार 80 घंटे संपर्क में रहे थे आतंकी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के दौरान चारों फिदायीन नासिर हुसैन, अबू बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम 80 घंटे तक पाक में बैठे अपने हैंडलर्स से कॉन्टैक्ट में रहे। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, इसमें काशिफ की पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर्स से एक तय सीमा में बातचीत का ब्योरा भी दर्ज है। एनआईए इन दस्‍तावेजों की जांच कर रही है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस डोजियर में हमले को लेकर जैश-ए मोहम्मद के सरगना कासिफ जान की चार फिदायीनों से हुई बातचीत भी रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची से ही मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे।
अमेरिका ने एनआईए को कई अन्‍य अहम जानकारियां सौंपी हैं। एनआईए के अधिकारी इन सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच के मुताबिक वॉट्सएप पर बातचीत के अलावा कासिम जान एक फेसबुक अकाउंट भी चला रहा था। अकाउंट उसी नंबर से जुड़ा हुआ था जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त पठानकोट से कॉल किया था।

 फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी आतंकियों ने पाकिस्तान में कॉल किया था। यह अकाउंट भी कासिम जान ही चलाता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म्स के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करके एक्सेस किया जा रहा था। आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत-ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। इस बारे में भारत ने अमेरिका से टेक्निकल डिटेल्स मांगी थीं। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।

पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है।



सोर्स:ज़ी न्यूज़ 

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संजीवनी बूटी का नाम तो सुना ही होगा आप ने। अरे ऐसे कैसे नहीं सुना होगा! जेनरेशन चाहें कोई भी हो रामायण सबने देखी है। लक्ष्मण को शक्ति बाण लग जाता है, वो मरने वाली हालत में आ जाते हैं। दूनिया में वही एक बूटी थी जो लक्ष्मण की जान बचा सकती है। हनुमान जी गए, खूब ढूंढे.. नहीं मिली तो पूरा पहाड़ ही उखाड़ लाए।
अब समस्या तो यही है भैया कि बूटी तब भी नहीं मिली, अब कहां से मिलेगी बताओ! लेकिन कोई सुने तब न। अब उत्तराखंड सरकार इसको ढूंढने के पीछे पड़ गई है। हरीश रावत जी की सीट बच गई तो सोचा थोड़ा पुण्य ही कमा लें। इस काम में सरकारी पैसे झोंक दिए। वो भी 10-20 लाख नहीं, 250 मिलियन रुपये.. कुछ समझे? मतलब 25 करोड़ रुपये बेटे।
Harish
हालांकि हिमालय पर ऐसे बहुत सारे पौधे हैं जिनकी औषधीय विशेषताएं हैं पर वैज्ञानिक सदियों से संजीवनी बूटी ढूंढ रहे हैं। उसी राज्य के मंत्री हैं सुरेंद्र सिंह नेगी, उन्होंने कहा है कि – हमें ये कोशिश करनी ही है और ये बेकार नहीं जाएगी। हम संजीवनी ढूंढ निकालेंगे। वैज्ञानिक इसपर अगस्त से काम करना शुरू कर देंगे। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से भी पैसे मांगे पर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। अब जिस चीज़ के होने की प्रामाणिकता है ही नहीं, उसके लिए कोई क्यों पैसे फूंके भला!
वैसे एक फ़र्क देखने को मिला है. वो ये कि इंडिया का 5000 साल पुराना आयुर्वेद अब दोबारा काम में आ रहा है। ‘आयुष’ के बारे में तो आप ने सुना ही होगा।
हरीश जी सोच रहे होंगे कि पता नहीं कुर्सी कबतक रहेगी, तो संजीवनी ढूंढ कर पैसे ही कमा लें अपने खाते में। ख़ैर, हम कुछ न कहेंगे भैया, बड़े लोगों का खेल है ये।



सोर्स:फिरकी.इन 
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मुंबई में एक महिला ने बेहद अनूठे बच्चे को जन्म दिया है। मुंबई स्थित सायन अस्पताल में बुधवार को एक महिला ने करीब 4.5 किलोग्राम के सियामिस बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे के 2 सिर, 3 हाथ, 2 पैर और 1 दिल है। डॉक्टरों के मुताबिक इस बच्चे का दूसरा सिर कंधे के पास है।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की रहने वाली शाहीन इरशाद खान ने इस अनूठे बच्चे को जन्म दिया। इरशाद को मुंबई के सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने सियामिस बच्चे को जन्म दिया। यह देखकर डॉक्टर्स भी चौंक गए। 


फोटो क्रेडिट-ucnews.ucweb.com
फोटो क्रेडिट-ucnews.ucweb.com
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जुड़वां बच्चे तो अक्सर जन्म लेते हैं, लेकिन दो सिर और एक दिल वाले ऐसे बच्चे 5 लाख में से 1 होते हैं। सायन अस्पताल के बाल चिकित्सक (सर्जरी विभाग) के विभागाध्यक्ष डॉ. पारस कोठारी ने कहा, फिलहाल बच्चे की स्थिति सामान्य है।

उसे निगरानी में रखा गया है। बच्चे का सिटी स्कैन किया गया है। अभी सभी विभाग के चिकित्सकों द्वारा बच्चे की जांच कराई जाएगी, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। चिकित्सकों के मुताबिक जब एक फर्टिलाइज्ड एग दो हिस्सों में बंटकर अलग-अलग हो जाता है, तो एक जैसे बच्चे (आइडेंटिकल ट्विन्स) या इस प्रकार का बच्चा पैदा होता है।



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किंगस्टन : पहले टेस्ट में शानदार जीत से उत्साहित भारतीय टीम कल से यहां शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में अनुभवहीन वेस्टइंडीज टीम पर अपना दबदबा बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी । भारतीय टीम ने 2016-17 सत्र की उम्दा शुरूआत करते हुए उपमहाद्वीप के बाहर सबसे बड़ी जीत दर्ज की जब एंटीगा में वेस्टइंडीज को एक पारी और 92 रन से हराया । टीम इंडिया इस लय को श्रृंखला में आगे भी कायम रखना चाहेगी जो मुख्य कोच के तौर पर अनिल कुंबले की पहली श्रृंखला है ।

इस बार हालांकि चुनौती आसान नहीं होगी क्योंकि सबीना पार्क में हरी भरी पिच भारत का इंतजार करेगी जबकि एंटीगा में धीमी पिच थी जिस पर मैच चार दिन के भीतर खत्म हो गया था । पिछले रिकार्ड को देखें तो 2008 के बाद यहां कोई भी टेस्ट पांच दिन तक नहीं चला है । उसके बाद से यहां हुए पांचों टेस्ट चार दिन के भीतर खत्म हो गए जिनमें से एक 2011 में भारत ने 63 रन से जीता था । वेस्टइंडीज ने 2015 में यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था और वह मैच चौथे दिन लंच तक ही चला था ।

यह कहना मुश्किल है कि हरी भरी पिच से किस टीम को अधिक खुशी होगी लेकिन मेजबान टीम को इससे मुकाबला संतुलित लगेगा । भारतीय टीम को भी आत्ममुग्धता से बचकर खेलना होगा क्योंकि अभी श्रृंखला में तीन टेस्ट बाकी हैं। भारत का बल्लेबाजी क्रम स्थिर लग रहा है लेकिन सलामी बल्लेबाज मुरली विजय की फिटनेस पर संशय है । अभी तक पता नहीं है कि वह दूसरा टेस्ट खेलेंगे या नहीं । विजय को श्रृंखला के पहले ही दिन सुबह शैनोन गैब्रियल की गेंद अंगूठे में लगी थी । वह वेस्टइंडीज की दोनों पारियों में फील्डिंग के लिये नहीं उतरे । विजय ने बुधवार को नेट पर अभ्यास किया लेकिन कल वैकल्पिक अभ्यास सत्र में नहीं उतरे । अब देखना यह है कि दूसरे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के रहते क्या टीम प्रबंधन विजय को लेकर जोखिम उठाना चाहेगा । राहुल ने टेस्ट श्रृंखला से पहले दोनों अभ्यास मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की थी ।
दूसरा मसला टीम संयोजन का है जिसमें कप्तान विराट कोहली को तय करना है कि क्या वह फिर पांच गेंदबाजों को लेकर उतरना चाहेंगे । दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले साल घरेलू श्रृंखला में कठिन विकेटों पर उन्होंने यह रणनीति नहीं अपनाई थी । श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में हरियाली पिच पर उन्होंने स्टुअर्ट बिन्नी को उतारा था । वेस्टइंडीज टीम अगर एक या दो अतिरिक्त तेज गेंदबाजों को उतारती है तो भारत को एक अतिरिक्त विशेषज्ञ बल्लेबाज की जरूरत होगी । शीषर्क्रम के तीन बल्लेबाजों विजय, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने एंटीगा में 566 में से सिर्फ 45 रन बनाये थे ।
कोहली को अपने गेंदबाजों के कार्यभार पर भी गौर करना होगा । पूर्णकालिक बल्लेबाज उतारने के मायने हैं कि तीनों तेज गेंदबाजों को अतिरिक्त ओवर फेंकने होंगे । ऐसे में वह बिन्नी को उतार सकते हैं जो निचले मध्यक्रम में बल्लेबाजी के साथ मध्यम तेज गेंदबाजी भी कर सकते हैं । ऐसे में अमित मिश्रा को बाहर रहना होगा क्योंकि आर अश्विन ने पहले टेस्ट में बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन किया । उसने 113 रन बनाने के अलावा 83 रन देकर सात विकेट लिये ।
हरी भरी पिच पर भारत के तीनों तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी को बेहतर प्रदर्शन करना होगा जो एंटीगा में दोनों पारियों में नाकाम रहे । दूसरी ओर यह पिच मेजबान टीम को रास आयेगी और वे अपने गेंदबाजी आक्रमण में इजाफा करना चाहेंगे । युवा अल्जारी जोसेफ को टीम में शामिल किया गया है जबकि मिगुल कमिंस भी जगह पाने में कामयाब रहे हैं । जोसेफ ने बांग्लादेश में अंडर 19 विश्व कप में 13 विकेट लिये थे ।
कैरेबियाई बल्लेबाजों में नजरें मलरेन सैमुअल्स पर होगी जिन्होंने एंटीगा में अर्धशतक बनाया था । ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि यह उनकी आखिरी टेस्ट श्रृंखला है ।
टीमें - भारत - विराट कोहली : कप्तान :, मुरली विजय, शिखर धवन, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रिधिमान साहा, आर अश्विन, अमित मिश्रा, रविंद्र जडेजा, स्टुअर्ट बिन्नी, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, शरदुल ठाकुर, उमेश यादव और ईशांत शर्मा ।
वेस्टइंडीज - जासन होल्डर - कप्तान :, क्रेग ब्रेथवेट, राजेंद्र चंद्रिका, डेरेन ब्रावो, मलरेन सैमुअल्स, जर्मेइन ब्लैकवुड, रोस्टन चेस, लियोन जानसन, शेन डारिच, देवेंद्र बिशू, कालरेस ब्रेथवेट, शेनोन गैब्रियल, मिगुल कमिंस । 

मैच का समय : शाम 8.30 से ।



सोर्स:ज़ी न्यूज़ 
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